साधु के पैर छुए,आशीर्वाद लेकर कान में बोले पुलिसकर्मी, गिरफ्तार कर रहे

 


मध्य प्रदेश की मुरैना पुलिस एक समझदारी भरी कार्रवाई चर्चा में आ गई है। एक मामले में आरोपी साधु को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जवानों को भक्त बनना पड़ा। श्रद्धालुओं के भेष में आए पुलिसकर्मियों ने साधु महाराज को माला पहनाई, पैर छुए और फिर धीरे से उनके कान में बोला कि हम आपको गिरफ्तार करने आए हैं। ऐसा सुनते ही आरोपी साधु के पसीने छूट गए। यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थिित राम जानकी मंदिर आश्रम का है। साधु महाराज को गिरफ्तार करने वाली पुलिस मुरैना जिले की सिविल लाइन थाना पुलिस है।

दरअसल, साधु की गिरफ्तारी का पूरा मामला मुरैना के एक मंदिर की जमीन को लेकर हुई धोखाधड़ी से संबंधित है। सिविल लाइन थाने के टीआई वीरेश कुशवाहा ने बताया कि मुरैना में सिविल लाइन थाना इलाके में तपसी गुफा मंदिर स्थित है। इस मंदिर से 6 बीघा से अधिक की जमीन भी लगी हुई है। मंदिर से लगी हुई इस जमीन पर दुकान भी बनी हुई है। इन्हीं दुकानों के किराए को हड़पने के लिए इसी मंदिर पर रहने वाले साधु रामशरण ने अपने एक अन्य सहयोगी दान बिहारी के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाने की योजना तैयार की।

फर्जी ट्रस्ट बनाकर वसूला किराया

इस योजना में साधु रामशरण ने जौरा खुर्द गांव के पूर्व सरपंच सुरेंद्र यादव और अशोक यादव को भी शामिल कर लिया। इन लोगों ने मिलकर एक फर्जी ट्रस्ट बना लिया और उसकी रसीद भी छपवाली। इन्हीं रसीदों के माध्यम से मंदिर की जमीन पर बनी हुए दुकानों का किराया वसूलने लगे।

फर्जीवाड़े की शिकायत में FIR

इस फर्जीवाड़े की जानकारी जब मंदिर के मुख्य महंत मदन मोहन को हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई। 3 नवंबर 2021 को सिविल लाइन थाना पुलिस ने साधु रामशरण समेत दानबिहारी, सुरेंद्र यादव और अशोक यादव के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली और तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया। लेकिन रामशरण की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

मुरैना छोड़ मथुरा में रहने लगे

बाबा रामशरण मुरैना के मंदिर को छोड़कर मथुरा के राम जानकी मंदिर आश्रम में जाकर रहने लगे। धोखाधड़ी के आरोपी बन चुके बाबा रामशरण को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस आज नहीं तो कल उन्हें गिरफ्तार कर लेगी, इसलिए उन्होंने अपने वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत के प्रयास शुरू कर दिए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पहुंचा केस

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में अग्रिम जमानत के लिए बाबा रामशरण के वकील ने आवेदन लगाया। 26 जुलाई को हाईकोर्ट ने जब इस मामले में सुनवाई की तो बाबा रामशरण के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि बाबा रामशरण को जमानत दी जाए, क्योंकि पुलिस बाबा रामशरण को गिरफ्तार नहीं कर रही है, बल्कि उनसे मिलकर वापस लौट आती है। यह दलील सुनकर हाईकोर्ट ने पुलिस को कहा कि पुलिस जल्द से जल्द आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करे।

मुरैना पुलिस को सख्त आदेश दिया

पुलिस ने आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करने के लिए मथुरा पहुंचकर उनकी तलाश भी की। लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। इसके बाद एक बार फिर से बाबा रामशरण के वकील ने ग्वालियर हाई कोर्ट में बाबा रामशरण की अग्रिम जमानत के लिए आवेदन लगा दिया। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी बाबा रामशरण को गिरफ्तार करने के लिए मुरैना पुलिस को सख्त आदेश दिया। कोर्ट से मिले सख्त निर्देश का पालन करने के लिए सिविल लाइन थाना पुलिस की दो टीम बनाई गई। आठ लोग इन दोनों टीमों में शामिल थे जिनमें से दो पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे।
बात बिगड़ ना जाए, इसका ध्यान रखना जरूरी था: टीआई

टीआई वीरेश कुशवाहा ने बताया कि मामला साधु-संत से जुड़ा हुआ था। इसलिए बात बिगड़ ना जाए इसका ध्यान रखते हुए मुरैना एसपी शैलेंद्र सिंह ने मथुरा के एसपी से बात की और उन्होंने पूरे मामले के बारे में अवगत कराया। इसके बाद मुरैना पुलिस की टीम मथुरा पहुंच गई।

सादा कपड़ों में भक्त बनकर पहुंचे सिपाही

गोवर्धन परिक्रमा स्थित राम जानकी मंदिर आश्रम में मुरैना पुलिस टीम के दो पुलिसकर्मी सादा कपड़ों में पहुंच गए। यह दोनों पुलिसकर्मी अपने साथ फूलमाला और मिठाई लेकर गए थे।

आश्रम में पहुंचकर दोनों पुलिसकर्मियों ने सेवकों से आश्रम में रहने वाले साधु संतों से मिलने की और उनका आशीर्वाद लेने की इच्छा जाहिर की। शुरुआत में दोनों पुलिसकर्मियों की बाबा रामशरण से मुलाकात नहीं हो सकी। तब तक पुलिसकर्मियों ने आश्रम में मौजूद अन्य साधु-संतों से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। कुछ देर बाद बाबा रामशरण से भी पुलिसकर्मियों की मुलाकात हो गई।

'हमारे साथ काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद'

बाबा रामशरण को दोनों पुलिसकर्मियों ने पहले माला पहनाई, पैर छुए और आशीर्वाद लिया और फिर कान में धीरे से बोले- ''हम मुरैना के सिविल लाइन थाने से हैं और आपको गिरफ्तार करने आए हैं, हमारे साथ काफी संख्या में पुलिस बल मौजूद हैं, इसलिए आप हमारे साथ चलिए।''

यह सुनकर बाबा रामशरण समझ गए कि अब वह पुलिस से नहीं बच सकते हैं। इसके बाद बाबा रामशरण पुलिस के साथ चलने तैयार हो गए।

सिविल लाइन थाना पुलिस बाबा रामशरण को अपने साथ मुरैना ले आई और इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। सिविल लाइन थाना पुलिस की सूझबूझ से बिना कोई विवाद हुए आरोपी बाबा रामशरण को पुलिस गिरफ्तार करने में सफल हो सकी

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