उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव पर संशय,नहीं हो पायेंगे नवम्बर में चुनाव

 


देहरादून: उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव पर संशय के बादल मंउरा रहे हैं। ऐसे में उत्तराखण्ड में तकरीबन 102 नगर निकायों के चुनाव नवंबर माह में होने मुश्किल हैं। वहीं राज्य में चुनाव से पूर्व की तैयारियां भी अब तक अधूरी हैं। आपको बता दें कि दो दिसंबर को निकायों का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार निकायों को प्रशासकों के हवाले करेगी।हालांकि, सरकार इस बात की दलील दे रही है फिलहाल सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर निकाय चुनाव की तैयारी की जा रही है। जेसा कि आपको मालूम है कि सभी निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण चल रहा है।

अभी तक श्रीनगर और हरिद्वार के शिवालिक नगर की सर्वेक्षण रिपोर्ट एकल सदस्यीय समर्पित आयोग को प्राप्त नहीं हुई है । इनका सीमा विस्तार होना बाकी है। आयोग की अभी चमोली,रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी की जनसुनवाई बची हुई है। हालांकि,आयोग के अधिकारियों का कहना है कि ओबीसी सर्वेक्षण की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। माना ये जा रहा कि जनसुनवाई और बचे हुए निकायों की रिपोर्ट आने के बाद आयोग को कम से कम एक से डेढ़ माह का समय अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में लगेगा। ऐसे में दिसंबर से पहले रिपोर्ट आने के आसार कम नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि ओबीसी सर्वेक्षण के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को सभी निकायों में परिसीमन भी कराना है। विशेषकर उन निकायों में, जो या तो नए बने हैं या फिर जिनका सीमा विस्तार हुआ है। परिसीमन के बाद सभी जगहों पर वोटर लिस्ट अपडेट करने का काम होगा। इसके बाद निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर सकेगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट का कहना है कि सरकार से चुनाव के संबंध में जैसे ही निर्देश मिलेंगे, उस हिसाब से आयोग अपनी तैयारी में है।

चुनाव संबंधी प्रक्रिया परिसीमन,वोटर लिस्ट अपडेशन आदि तत्काल शुरू कर दी जाएगी। इस मामले में शहरी विकास मंत्री का कहना है कि निकाय चुनाव को लेकर सभी बिंदुओं पर तैयारी परखी जा रही है। तैयारी के हिसाब से सरकार चुनाव कराएगी। उनका कहना है कि तैयारी देखने के बाद ही चुनाव की स्थिति स्पष्ट की जा सकती है। वहीं निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म है वो ये कि सरकार निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव से पहले नहीं कराना चाहती। लिहाजा, निकाय चुनाव की प्रक्रिया को लटकाया जा रहा है। वैसे इस मामले में उच्च न्यायालय ने भी सरकार से जवाब मांगा हुआ है।

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