सीएम धामी ने की केंद्र सरकार से बिजली का गैर आवंटित कोटा जारी रखने की सिफारिश

 


देहरादून: उत्तराखण्ड में में केंद्र से मिला हुआ बिजली का गैर आवंटित कोटा मिलने की समयावधि समाप्ति की ओर है,ऐसे में सर्दी के मौसम में बिजली संकट के आसार बन सकते हैं। ऐसे में राज्य सरकार ने बिजली संकट को खत्म करने के प्रयास तेज कर दिये है।आपको बता दें मुख्यमंत्री ने अपने तीन दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से इस संबंध में बातचीत करेंगे। दरअसल, पूर्व में बिजली की जो किल्लत थी उस पर सीएम धामी की कोशिशों के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से बड़ी राहत मिली थी। अब केंद्र का गैर आवंटित कोटा समाप्त होने को है।

जैसा कि अनुमान है कि अक्तूबर से प्रदेश में 300 से 400 मेगावाट बिजली की किल्लत होने की आशंका है। इसके चलते राज्य सरकार सर्दियों के मौसम में पर्याप्त बिजली उपलब्धता की कोशिशों में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जा रहे हैं।वह शनिवार या रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से मुलाकात कर गैर आवंटित कोटा बढ़ाने और बनाए रखने की मांग करेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया,सीएम धामी के निर्देशों पर सर्दियों के सीजन में बिजली उपलब्धता के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल ने बताया, टीएचडीसी के साथ पंप स्टोरेज से 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट किया गया था, जिसके तहत जनवरी से बिजली मिलने की संभावना है। इसके तहत दिन के समय यूपीसीएल इस परियोजना के संचालन को बिजली देगा जिसके लिए एसजेवीएन से 2.67 रुपये के दाम पर सौर ऊर्जा ली गई है। बदले में करीब साढ़े चार रुपये यूनिट के खर्च पर टीएचडीसी से रोजाना करीब 200 मेगावाट बिजली मिलेगी।यूपीसीएल ने भी अक्तूबर से मार्च में केंद्र से बिजली के लिए केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण को पत्र भेजा है।

एमपी के गोरखपुर के बरेला गांव में स्थित एनटीपीसी के झबुआ पावर प्लांट से भी 200 से 300 मेगावाट बिजली खरीद के लिए पीपीए पर काम किया जा रहा है। यहां से 25 साल तक चार से 4.80 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली मिलेगी। वहीं, सिक्किम ऊर्जा की जल विद्युत परियोजनाओं से भी 150 से 200 मेगावाट बिजली खरीद पर काम शुरू कर दिया गया है। यूपीसीएल ने एनटीपीसी की 25 साल का पीपीए पूरी कर चुकी परियोजनाओं के 17 हजार मेगावाट में से भी कुछ बिजली की मांग रखी है। उत्तराखण्ड में में बिजली संकट बढ़ने लगा है,व्यासी परियोजना से रोजाना 24 लाख यूनिट न मिलने से ग्रामीण इलाकों में रोजाना साढ़े चार घंटे तक कटौती की जा रही है।

शुक्रवार को हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में चार से साढ़े चार घंटे कटौती की गई। छोटे कस्बों में दो घंटे, काशीपुर में डेढ़, रुद्रपुर में सवा घंटे, हल्द्वानी व रुड़की में डेढ़ और ज्वालापुर में दो घंटे कटौती हुई। स्टील फर्नेश उद्योगों में गढ़वाल मंडल में करीब साढ़े नौ घंटे और कुमाऊं मंडल में साढ़े 10 घंटे कटौती की गई। यूपीसीएल के मुताबिक, वर्तमान में बिजली की मांग करीब 4.8 करोड़ यूनिट तक जा रही है, जिसके सापेक्ष 4.6 करोड़ यूनिट बिजली ही मुहैया हो पा रही है।

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