आइडीपीएल वासियों के आंदोलन में हरीश रावत की एन्ट्री,कहा कांग्रेसी लाठी खाने को भी तैयार

 


ऋषिकेश : औषधि निर्माण संस्थान आइडीपीएल वासियों के आंदोलन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, कि आइडीपीएल की भूमि देश के एक बड़े व्यक्ति के पास जानी है। जिसके दबाव के आगे शासन प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है। देश और प्रदेश के आम आदमी की लड़ाई में कांग्रेस शामिल है। यहां पर कांग्रेसी बुलडोजर रोकने के साथ लाठी खाने को भी तैयार है।कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, कि आइडीपीएल की लड़ाई सामान्य नहीं एक बड़ी लड़ाई है। हमने डीएम से लेकर सीएम तक सभी से इस मुद्दे पर बात की है, कोई नहीं सुन रहा है। आम आदमी की इस लड़ाई में क्षेत्र के सभी छोटे और बड़े जनप्रतिनिधियों को एक साथ खड़ा होने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भरी बरसात में यहां के लोग उजड़ रहे हैं और विधायक खामोश है। इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और कुछ नहीं हो सकती।इस मौके पर कांग्रेस नेता जयेंद्र रमोला,राजपाल खरोला, जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल, ब्लाक अध्यक्ष श्यामपुर विजय पाल सिंह रावत,डोईवाला महेंद्र प्रसाद भट्ट, आवासीय कल्याण समिति की अध्यक्ष रामेश्वर चौहान, सचिव सुनील कुटलेहडिया, डा0 कृपाल सिंह रावत सरोज आदि मौजूद रहे। औषधि निर्माण संस्थान आइडीपीएल परिसर में स्थित आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रविवार को शुरू कर दी गई। वन विभाग और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में इस कार्रवाई का स्थानीय नागरिकों ने जमकर विरोध किया। जब अधिकारी नहीं माने तो नागरिकों ने हरिद्वार मुख्य मार्ग सिटी गेट के सामने जाम लगा दिया।

करीब दो घंटा जाम लगा रहा। इस रोड के ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा। नागरिकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई सहित कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। यहां स्थित 850 आवासीय भवनों में प्रथम चरण में 40 भवनों को तोड़ने का लक्ष्य रखा गया। जिसमें रविवार को 25 भवन जेसीबी व अन्य मशीनों से ध्वस्त कर दिए गए।आइडीपीएल को आवंटित 899.53 एकड़ भूमि की लीज 21 नवंबर 2021 को समाप्त हो चुकी है। लीज शर्तों के तहत संस्थान को छह माह का अतिरिक्त समय प्रदान किया गया था। अवधि बीत जाने के बाद एक वर्ष तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। शासन स्तर से इस भूमि को खाली कराने का निर्णय लिया गया।

बीते 19 जुलाई को जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में हुई बैठक में भूमि खाली कराने को लेकर व्यापक रणनीति तैयार की गई।इन भवनों में करीब 850 परिवार निवास कर रहे हैं। रविवार को पुलिस, वन विभाग और राजस्व विभाग की ओर से इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई। प्रथम चरण में 40 भवनों को ध्वस्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों की मौजूदगी में रविवार की सुबह आठ बजे बड़ी संख्या में जेसीबी व अन्य मशीनें यहां पहुंच गई। आफिसर्स कालोनी क्षेत्र में जैसे ही भवन तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए।

नागरिकों का कहना था कि जब बीते शनिवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से जिलाधिकारी से बात करके कार्रवाई मानसून सत्र तक रोके जाने को कह दिया गया था तो फिर किस आधार पर कार्रवाई हो रही है।जब मौके पर अधिकारी नहीं रुके तो नागरिकों की भीड़ हरिद्वार मार्ग सिटी गेट के समक्ष पहुंच गई और यहां जाम लगा दिया।जाम लगा रहे लोग ने प्रशासन और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। करीब दो घंटा यह सड़क जाम रही। पुलिस प्रशासन की ओर से ट्रैफिक को हरिद्वार बायपास मार्ग और एम्स वीरभद्र मार्ग पर डायवर्ट किया गया। रविवार शाम छह बजे तक कार्रवाई जारी रही। इस दौरान करीब 25 भवनों को ध्वस्त कर दिया गया।

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