सियासत में उबाल, योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म को बताया राष्ट्रीय धर्म

 


इन दिनों सियासत का एक अजीब पैटर्न सामने आया है जहां ये देखने को मिल रहा है कि जहां सियासतदां धर्म पर बयान देने में पीछे नहीं हैं वहीं धार्मिक लोग सियासत पर बयान देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। आलम ये है कि धर्म और सियासत के इस मिक्चर ने ऐ नई सियासी महाभारत खड़ी कर दी है। आपको जैसा कि मालूम ही है कि अभी हाल ही में भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने और श्रीरामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग बढ़ने के बाच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नया मोड़ देते हुये बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा है कि हमारा सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है।

अब योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर सियासी विवाद खड़ा हो गया है । आपको बता दें कि उनके बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुये उनसे पूछा है कि अगर सनातन धर्म ही राष्ट्रीय धर्म है तो फिर बाकी धर्मों की क्या स्थिति है ?हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान के जालौर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी काल खंड में यदि हमारे धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया गया है, तो उनके पुर्नस्थापना के लिए अभियान चलना चाहिए।

योगी आदित्यनाथ ने साथ ही कहा कि अब हमारा सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है। हम आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जालौर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार और मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे। योगी ने कहा कि सनातन धर्म सबको साथ लेकर चलने की सीख भी देता है।उधर,मुख्यमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता उदित राज ने पूछा है कि यदि सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है तो क्या सिख, जैन, बौद्ध, निरंकार, ईसाई और इस्लाम धर्म ख़त्म हो गया है? उन्होंने पूछा है कि देश में इन धर्मों के क्या कोई मायने नहीं हैं।

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