पीली क्यों होती है स्कूल बस ? विज्ञान से जुड़ा है जवाब

 


पीला रंग इंसानी आंखों को सबसे ज्यादा आसानी से नजर आ जाता है. ये विज़िबिलिटी स्पेक्ट्रम में सबसे ऊपर होता है.

सड़क पर चलते हुए कई गाड़ियां देखी होंगी जो अलग-अलग रंगों की होती होंगी पर स्कूल बस का रंग हमेशा ही एक जैसा देखा होगा, वो है पीला. क्या आपने कभी सोचा है कि स्कूल बस का रंग पीला क्यों होता है, लाल, नीला क्यों नहीं होता? (Why Are School Buses Yellow?) इसके पीछे आप कह सकते हैं कि रंग (Why colour of school bus yellow) आकर्षक लगता होगा शायद इसलिए ऐसा हो, पर नहीं, इस सवाल का जवाब विज्ञान से जुड़ा है. मगर इस जवाब को जानने से पहले जान लीजिए कि बस को पीला करने का आइडिया किसका था.

‘How Stuff Works’ वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल बसों को पीला (Why school bus colour is yellow) करने की शुरुआत अमेरिका से हुई थी. कोलंबिया यूनिवर्सिटी के टीचर्स कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर फ्रैंक सियर (Frank Cyr) ने 1930 के दशक में देश के स्कूल ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े वाहनों पर रिसर्च करना शुरू किया. उन्होंने न्यू यॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उस वक्त तक कोई खास मानक नहीं थे जिसके तहत स्कूल वाहन, खासकर बसों के डिजाइन को तय किया जाए. उन्होंने अमेरिकी स्कूल के बच्चों की सुरक्षा के लिए खास मीटिंग बुलाई जिसमें देशभर के प्रमुख शिक्षक, ट्रांसपोर्टेशन अधिकारी, बस निर्माता आदि शामिल हुए थे.

उन्होंने मिलकर तय किया कि बस का रंग कैसा होगा. उन्होंने कॉन्फ्रेंस रूम की दीवार पर रंग चिपका दिए और लोगों से चुनने के लिए कहा. सभी ने मिलकर पीला-नारंगी रंग चुना. इसमें पीले रंग प्रमुख था और तब से ही पीला रंग, स्कूल बसों का प्रमुख रंग बन गया. सभी ने पीले रंग को इसलिए चुना क्योंकि सबसे ज्यादा नजरों में वही रंग आ रहा था. तब से पीले रंग की बसों का चलन शुरू हुआ क्योंकि ये ज्यादा सुरक्षित होती थीं.

बाद में वैज्ञानिकों ने भी उनके चुनाव को सही बताया क्योंकि उनके अनुसार पीला रंग इंसानी आंखों को सबसे ज्यादा आसानी से नजर आ जाता है. ये विज़िबिलिटी स्पेक्ट्रम में सबसे ऊपर होता है. इसका कारण ये है कि इंसानी आंखों में फोटोरिसेप्टर सेल होती हैं जिसे कोन कहते हैं. आंखों में तीन तरह की कोन होती हैं जो लाल, हरे और नीले रंग को डिटेक्ट करने के लिए बनी होती हैं. पीली लाइट, एक बार में लाल और हरे दोनों सेल पर असर डालती है, इस वजह से वो आंखों को ज्यादा नजर आती है.

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