जहरीली शराब ने लगा दिए लाशों के अम्बार, अब तक 81 मौतें

 


पटना: जहरीली शराब से छपरा के डेरनी थाना क्षेत्र में 2 और लोगों की संदिग्ध मौत की खबर सामने आई है। खबरों के मुताबिक, छपरा में जहरीली शराब पीने के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गई है, जबकि मरने वालों का सरकारी आंकड़ा अभी केवल 34 ही है। इसके अलावा सिवान में भी 5 लोगों की संदिग्ध मौत होने की खबर सामने आई है,इनके भी जहरीली शराब पीने से मौत होने की आशंका है जबकि बेगूसराय में एक संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है।

दो लोगों की हालत गंभीर है और उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस तरह देखें तो बिहार में हाल के दिनों में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की कुल संख्या 82 हो गई है। सिवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत हो गई।आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या और ज्यादा बढ़ सकती है। अप्रैल 2016 में सीएम नीतीश कुमार की सरकार ने बिहार में शराब बेचने और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

हाल ही में राज्य में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर विपक्ष, खासकर बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी ने भी बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग की है।बीजेपी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात करने पहुंचा, जबकि इसी बीच छपरा जहरीली जहरीली शराब कांड में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई।

सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में अवैध शराब के निर्माण,व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच और एक कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है, इसके साथ ही पीड़ित परिवारों के लिए सरकार से मुआवजे की मांग भी की गई है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। याचिका दायर करने वाले को शीतकालीन अवकाश के बाद मामले को फिर से उठाने के लिए कहा गया है।

साभार: न्यूज 18 हिंदी

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