49 साल बाद गिरफ्तार हुआ हत्या का आरोपी, गांव में घूम-घूम कर गाता था भजन

 


अहमदाबाद. किसी मर्डर केस को सुलझाना आसान नहीं होता. कई बार आरोपी को पकड़ने में लंबा वक्त लग जाता है. लेकिन गुजरात में एक मर्डर केस के आरोपी को पकड़ने में पुलिस को एक दो साल नहीं बल्कि पूरे 49 साल लग गए. शायद आपको यकीन न हो रहा हो, लेकिन ये सच है. अहमदाबाद में कथित तौर पर अपने मकान मालिक की हत्या करने के 49 साल बाद, एक 73 साल के बुजुर्ग को अहमदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनकी गिरफ्तारी महाराष्ट्र के अहमदनगर में उसके गांव से हुई है.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि सीताराम भटाने पर 70 वर्षीय मणि शुक्ला की 1973 में अहमदाबाद के सैजपुर में उसके घर में हत्या करने का आरोप है. पुलिस ने 14 सितंबर, 1973 को सरदारनगर थाने में शिकायतकर्ता के रूप में FIR दर्ज की थी. इसके बाद हुई जांच में पता चला कि मकान मालकिन जिस मंजिल पर रहती थी, उसके ऊपर वाली मंजिल पर तीन किराएदार रहते थे, जो भाई थे- सीताराम, महादेव और नारायण.

3 तीन बाद चला मौत का पता


पुलिस के मुताबिक तीन दिनों तक घर पर ताला लगा रहा और पड़ोस से बदबू आने की सूचना मिलने पर पुलिस को बुलाया गया. जांच में पता चला कि महिला की मौत का पता चलने के तीन दिन पहले सीताराम को रात में शुक्ला के घर में घुसते हुए देखा गया था, जिसके बाद घर में बाहर से ताला लगा दिया गया था. यह भी पता चला कि उसने घर से बर्तन चुराए थे. सरदारनगर थाने के जांच अधिकारी पीवी गोहिल के अनुसार, उसके भाइयों की मदद से सीताराम इस तरह की चोरी करने का आदी था और उसके फरार होने पर उसे गिरफ्तार करने का वारंट जारी किया गया था. गोहिल ने कहा कि दोनों भाइयों की मौत हो चुकी है.

ऐसे हुई गिरफ्तारी


गोहिल ने कहा, “सीताराम भजन गाते हुए अपने गांव में घूमता था.’ सीताराम ने कहा कि वह शुक्ला के घर तब गया जब वह सो रही थी क्योंकि उसे पैसे की जरूरत थी. जब वह चीजें चुरा रहा था, वह जाग गई और उसे रोकने की कोशिश की. महिला के नीचे गिरने पर मारपीट हुई और सीताराम उसे छोड़कर भाग गया. महादेव और नारायण ने जांचकर्ताओं को बताया कि सीताराम के पास कोई नौकरी नहीं थी, इसलिए वह बर्तन, कपड़े आदि चुराता था. अहमदनगर में उसके रिश्तेदारों ने भी पुलिस को बताया कि उसने अपने गांव में भी इसी तरह के अपराध किए हैं.

टिप्पणियाँ

Popular Post