उत्‍तराखंडः हरेला पर्व पर फलदार समेत लगेंगे 15 लाख पौधे




 देहरादून: उत्तराखण्ड के लोक पर्व हरेला पर वन विभाग की तरफ से जहां फलदार वृक्ष सहित 15 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य रखा है। आपको बता दें कि वन मंत्री उनियाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरेला पर्व के उपलक्ष्य में होने वाले पौधारोपण में स्थानीय जलवायु के आधार पर पौधों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण के अंतर्गत वन विभाग अन्य विभागों व संस्थाओं से तालमेल स्थापित कर वाटिकाएं भी विकसित करेगा। अन्य विभाग व संस्थाएं इन वाटिकाओं को नाम देने के साथ ही संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेंगे।

उन्होंने बताया कि हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों के साथ ही नगर व ग्रामीण निकायों के पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।आपको बता दें कि लोकपर्व हरेला को लेकर वन विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इसके लिए 16 जुलाई से वन क्षेत्रों से इतर उत्तराखण्ड में 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें 50 प्रतिशत फलदार प्रजातियां होंगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई हरेला पर्व की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।

वन मंत्री उनियाल ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हरेला पर्व के उपलक्ष्य में होने वाले पौधारोपण में स्थानीय जलवायु के आधार पर पौधों का चयन किया जाएगा। पौधारोपण के अंतर्गत वन विभाग अन्य विभागों व संस्थाओं से समन्वय कर वाटिकाएं भी विकसित करेगा। अन्य विभाग व संस्थाएं इन वाटिकाओं को नाम देने के साथ ही संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेंगे। उन्होंने बताया कि हरेला पर्व पर होने वाले पौधारोपण में मुख्यमंत्री,मंत्री, विधायकों के साथ ही नगर व ग्रामीण निकायों के पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में राज्य की 12089 वन पंचायतों में प्रत्येक पंचायत में विभिन्न प्रजातियों के 75 पौधे लगाए जाएंगे। वन मंत्री के अनुसार संबंधित वन पंचायत इन पौधों के संरक्षण का दायित्व निभाएंगी। उन्होंने बताया कि निजी भूमि और वन पंचायतों में होने वाले पौधारोपण में पौधों के जीवित रहने की दर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भी शुरू कर दी हैं। इसके लिए 16 जुलाई से वन क्षेत्रों से इतर उत्तराखण्ड में 15 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें 50 प्रतिशत फलदार प्रजातियां होंगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई हरेला पर्व की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।

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