आयेंन्द्र शर्मा का सहसपुर सीट पर रहेगा दबदबा



 देहरादून: उत्तराखण्ड में चुनावी घमासान जोरों पर है । अभी भी दोनों पार्टियों भाजपा और कांग्रेस को सीटों के समीकरण बैठाने में पसीने छूट रहे है। जिनको टिकट मिल गया वो अपने-अपने क्षेत्र में आश्वस्त होकर वर्चुअल जनसंपर्क कर रहे हैं। बहरहाल इस बार सहसपुर विधान सभा में जोरदार टक्कर होने की संभावना है, जिसमें अबकी बार भाजपा के लिए सहसपुर सीट पर रिपीट करने के सपने को लेकर संशय बना हुआ है।

इस सीट का इतिहास भी बेहद रोचक रहा है। आपकों बता दे कि यह सीट पहले चकराता विधानसभा के अर्न्तगत आती थी लेकिन परसीमन के बाद सहसपुर विधानसभा बनी। तकरीबन एक लाख सत्तर हज़ार से ज्यादा मतदाता वाली इस सीट पर घमासान होने के आसार हैं। गौरतलब है कि भाजपा के शासनकाल में कई ऐसे मुद्दे उठे जिसे लेकर सियासत उबाल पर रही थी, जिसके चलते भाजपा का ग्राफ नीचे आया है। जिसका असर इस बार के चुनाव में जरूर नज़र आयेगा। आपको बता दें इस सीट पर कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। भले ही 3 बार भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल करी हो इसमें का्रग्रेस की गुटबाजी ने भाजपा को फायदा पहुंचाया था। इस बार फिर कांग्रेस ने आर्येन्द्र शर्मा पर अपना विश्वास जताया है। आपको बता दें कि आर्येन्द्र शर्मा सियासत का वो चेहरा हैं जो किसी परिचय केे मोहताज नहीं हैं। विकास पुरूष स्व0 नारायण दत्त तिवारी जी के सानिध्य में आर्येन्द्र शर्मा को राजनीत कीे विषम परिस्थितियों में सियासत करने का अच्छा खासा अनुभव हासिल है।

वैसे भी सहसपुर विधान सभा में का्रग्रेस और भजपा में ही टक्कर रहती है। भले ही भाजपा की झोली में 3 बार जीत गई होे लेकिन इस बार के समीकरण भाजपा के अनुकूल नहीं है। इस बार सिटिंग विधायक को अपनी सीट बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। अगर हम इस सीट पर सामाजिक समीकरण की बात करें तों इस सीट पर तकरीबन 35 फीसद मतदाता पर्वतीय मूल के है।ं उसके बाद इस सीट पर दूसरे नम्बर पर सबसे बड़े तबके के रूप में मुस्लिम मतदाता हैं जिनका फीसद तकरीबन 25 फीसद है, इस सीट पर मुस्लिम किसी भी प्रत्याशी की जीत में सबसे बड़ा रोल अदा कर सकता है।

उसके बाद 15 फीसद वोट अनुसूचित जाति का है वहीं बोक्सा जौनसारी जनजाति के तकरीबन 15 फीसद वोट है।ं चुनाव में ओ.बी.सी. के 5 फीसद और वैश्य व सामान्य जाति के तकरीबन 5 फीसद वोट है जिनकी भूमिका चुनाव में महत्व रखती है। अगर हम आर्येन्द्र शर्मा की बात करें तो 45 फीसद वोट उनके पक्ष में जा सकते हैं जो उनकी जीत का रास्ता तय करते है। वेसे भी आयेंन्द्र शर्मा सहसपुर सीट पर मजबूत प्रत्याशी के रूप में खड़े है साथ ही उनका राजनीतिक अनुभव,उनकी मृदुभाषिता व काम करने की लगन उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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