गलवान घाटी में झड़प के बाद ताजा हालात


भारत चीन सीमा पर सेना ने संभाली कमान


एजेंसी


नई दिल्ली। गलवान घाटी में मुंह की खाने के बाद भी चीन अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने एक बार शर्मनाक बयान देते हुए गलवान घाटी पर अपना दावा किया जिसका भारत ने माकूल जवाब दिया। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच 6 जून को हुई कमांडर स्तर की बातचीत में बॉर्डर पर तनाव कम करने और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने पर बात हुई थी। अब इस तरह के बयान से समझौते को ठेस पहुंचेगी।


इस बीच लद्दाख में सेना ने अपनी ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी देते हुए आईटीबीपी की अग्रिम निगरानी चौकियों की कमान संभाल ली है। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। जानकारी के मुताबिक कश्मीर से सेना के जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियां साजो -सामान के साथ पूर्वी लद्दाख के लिए रवाना हुईं।


खबर है कि एलएसी पर भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद मोदी सरकार एक्शन में आ गयी है। सारे सैनिकों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गयी है जबकि देमचोक और पैंगॉन्ग लेक के आसपास के गांव खाली कराने का काम किया जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलायी है।


लद्दाख में भारत-चीन के बीच झड़प पर वाइट हाउस का बयान सामने आया है। वाइट हाउस ने कहा है कि हमें इस बारे में जानकारी मिली है। हमारी इसपर पैनी नजर है। झड़प की वजह से 20 जवानों की मौत वाला भारतीय सेना का बयान हमने देखा है। इसपर शोक व्यक्त करते हैं। भारत-चीन के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा मध्यस्थता के सवाल पर वाइट हाउस की प्रेस सचिव का कहना है कि ऐसी कोई औपचारिक योजना फिलहाल नहीं है।


इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम में है। जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा। हमें अपने जवानों पर गर्व है, वे मारते-मारते शहीद हुए हैं। भारत की चीन पर ठोस कार्रवाई की तैयारी के बीच पीएम मोदी ने सभी दलों की बैठक बुलायी है। यह तय है कि भारत ठोस कदम उठायेगा।


ऑस्ट्रेलिया के दूत बैरी ओ फरेल ने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नियम और तकाजे को लेकर स्थापित व्यवस्था का भारत और ऑस्ट्रेलिया पालन कर रहे हैं लेकिन चीन ऐसा नहीं कर रहा। ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने जोर दिया कि दक्षिण चीन सागर में चीन एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने का प्रयास कर रहा है। यह इस विषय पर बनी आम सहमति और वार्ता के मुताबिक नहीं है।


वहीं दूसरी ओर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। सैन्य सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई। छह जून को दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता में इसी पर सहमति बनी थी। लेह स्थित 3 इन्फेंट्री डिविजन के कमांडर मेजर जनरल अभिजीत बापट ने वार्ता में भारतीय प्रतिनिधित्व का नेतृत्व किया। 


वहीं भारतीय सेना थल, नभ और जल सीमा पर पूरी तरह से अलर्ट पर है। तीनों सेनाओं के लड़ाकू दस्ते अपनी अपनी सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।


 


 


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